Power Breakfast: 6 दिन की गिरावट के बाद अमेरिकी बाजारों ने लगाई छलांग, Bank of England ने £100 Cr के लंबी अवधि के बॉन्ड्स खरीदें
अमेरिकी बाजारों में 6 दिन की गिरावट के बाद जोरदार छलांग लगाई है. Dow Jones 550 अंक, Nasdaq 2% और Russell 2000 3% उछलें. आज FOMC सदस्य जेम्स बल्लार्ड के भाषण पर नज़र रहेगी. Apple का शेयर 1.3% फिसला. Bank of England ने 100 Cr पाउंड के लंबी अवधि के बॉन्ड्स खरीदें.
रेपो रेट में बढ़ोतरी से शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 200 अंक से अधिक टूटा, निफ्टी 18,550 के करीब बंद
Stock Market Closing Bell:आज रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार पांचवी बार रेपो रेट में 30 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया है.जिसका असर बाजारों पर देखा गया है.
Stock Market Closing Bell: आज शेयर बाजार में कारोबार की शुरुआत सपाट नोट पर हुई थी.
Stock Market Closing: भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ . आज रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार पांचवी बार रेपो रेट में 30 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. जिसका असर बाजारों पर देखा गया है. कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 215.68 अंक टूटकर 62,410.68 पर बंद हुआ, वहीं, निफ्टी 82.25 अंक की गिरावट के साथ 18,560.50 पर कारोबार का अंत किया.
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सेंसेक्स के शेयरों में एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, एल एंड टी, हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी आई. जबकि इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंशियल सर्विसेज और रिलायंस को आज भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. इस तरह देखा जाए तो आज सेंसेक्स के टॉप-30 में से आठ शेयर तेजी के साथ बंद हुए. जबकि 22 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए.
आज शेयर बाजार (Stock Market ) में कारोबार की शुरुआत सपाट नोट पर हुई थी. प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और नेशनल स्टॉक एक्सटेंज का निफ्टी (Nifty) दोनों गिरावट के साथ खुले थे. शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 34.28 अंक की गिरावट के साथ 62, 592.08 और एनएसई निफ्टी 14.55 अंक नुकसान के साथ 18,628.20 अंक पर खुला. वहीं, कुछ देर बाद बाजार ने थोड़ी रिकवरी की. जिसके बाद सेंसेक्स 9.56 अंक यानी 0.02% प्रतिशत बढ़कर 62635.92 पर जबकि निफ्टी1.40 अंकों यानी 0.0 प्रतिशत की तेजी के साथ पर पहुंच गया.
आज रेपो रेट बढ़ने के बाद डॉलर के मुकाबले रुपया मजबीत हो गया. आज भारतीय रुपया 14 पैसे की उछाल के साथ 82.47 के स्तर पर बंद हुआ.
एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FPI) पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता रहे. उन्होंने मंगलवार को 635.35 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.
स्टॉक मार्केट में गिरावट का सोने पर असर
यह एक भ्रांति है कि स्टॉक मार्केट गिरने पर सोने की कीमत भी गिरती है, जबकि वास्तव में इसका बिल्कुल उल्टा है। कई निवेशक सोने को बाज़ार की अस्थिरता के खिलाफ एक घेरे के रूप में और एक पोर्टफोलियो डाइवर्सिफायर के रूप में देखते हैं।
इतिहास गवाह है कि मार्केट की गिरावट के समय सोना स्टॉक से बेहतर प्रदर्शन करता है।
सोना बनाम निफ्टी
वित्तीय वर्ष 2008-09 में, जब सेंसेक्स लगभग 38% तक गिर गया था, सोने ने 24.58% का प्रतिफल दिया था। इसी तरह, 2012-13 के दौरान, जब निफ्टी स्थिर या गिरावट पर था, तब भारत में सोने की कीमत पूरे उछाल पर थी।
नीचे दिये गये चार्ट का विश्लेषण करें, तो आप देखेंगे कि पिछले दशक में अधिकतर समय, सोना और निफ्टी बिल्कुल बराबर चल रहे हैं।
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सोना बनाम एस&पी 500
यदि हम 1976 से चल रहे बदतर मार्केट स्थिति के समय सोने और एस&पी 500 के प्रदर्शन की तुलना करें, तो पिछले 40 वर्षों में, एस&पी 500 में आयी 8 गिरावटों में से 7 में, स्टॉक मार्केट इंडेक्स के मुक़ाबले, सोने की कीमत आसमान छू गयी थी।
2008 के वित्तीय संकट के शुरुआती झटके के समय जब सोने की कीमत गिरी थी, साल के अंत तक कीमत में 5.5% उछाल आ क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं? गया था जबकि एस&पी 500 में लगातार गिरावट थी। स्टॉक मार्केट सेल-ऑफ की कुल 18 महीनों की अवधि में सोने की कीमत 25% बढ़ी थी।
सोने का अब तक का सबसे विशिष्ट सेल-ऑफ (1980 के पूर्व भाग में -46%) आधुनिक इतिहास में सोने के सबसे बड़े बुल मार्केट के बाद ही हुआ। 1970 के अपने सबसे सबसे कम पॉएंट के बाद एक दशक बाद ही सोने की कीमत 2300% से ज़्यादा बढ़ गयी थी।
इतिहास फिल्हाल यही बताता है कि स्टॉक मार्केट गिरने पर सोने की कीमत में उतनी गिरावट नहीं आती जितना लोग सोचते हैं। आर्थिक विकास और स्थिरता से स्टॉक को लाभ होता है और आर्थिक संकट से सोने को। जब स्टॉक मार्केट गिरता है तो लोगों में डर ज़्यादा रहता है और ज़ाहिर है निवेशक सुरक्षित आश्रय ढूँढते हैं – और सोने से सुरक्षित कुछ भी नहीं।
फरवरी 2018 का स्टॉक मार्केट क्रैश
सोमवार, 5 फरवरी 2018 को “वॉलमगेड्डन” (वॉल्यूम आर्मागेड्डन) के नाम से जाना गया है। एस&पी 500 113.19 अंकों से गिरा जो कि अब तक का इतिहास का सबसे बड़ा वन-डे पॉएंट ड्रॉप रहा। लेकिन कुल गिरावट थी 124.21 की जो कि सेल-ऑफ के शुरुआत के 24 घंटों के भीतर रही। पूँजी गति और उछाल के मुद्दे के अलावा उल्लेखनीय रहा बिटकॉएन का महत्त्वपूर्ण $6,000 दर।
6 फरवरी को जब कारोबार खुला, तभी बीएसई सेंसेक्स 1200 अंकों से ज़्यादा गिरा और 168 अंक गिरने के बाद, एनएसई निफ्टी 10,498 पर बंद हुआ।
सेल-ऑफ के शुरुआती दौर में, सोने की कीमत ज़्यादा प्रभावित नहीं होती थी, लेकिन जैसे-जैसे स्टॉक की कीमत गिरती गयी, सोना सम्भलता गया, यहाँ तक कि अल्प-कालिक ट्रेज़री से भी बेहतर होता गया। स्टॉक मार्केट का उछाल तेज़ लेकिन कम समय के लिए रहा। द डॉ जोंस इंडस्ट्रियल ऐवरेज 4.6% से गिरा लेकिन एशियन स्टॉक में 6 फरवरी की शुरुआत में उछाल आया, और ग्लोबल स्टॉक इंडिसेज़ की खोयी स्थिरता में कुछ सम्भाल आया। 8 और 9 फरवरी को मार्केट उछाल की ओर जाने से पहले फिर गिरा। सोमवार 12 फरवरी तक द डॉ ने अपने ज़्यादातर साप्ताहिक नुकसान के आधे की भरपाई कर ली थी, और यूरोपीय स्टॉक भी करीबन 30% तक सम्भल गये थे। एशिया के स्टॉक ने इस दौरान अपने नुकसान को बनाए रखा।
हालाँकि सोना एक बार 2 से 12 फरवरी के बीच अस्थिर ज़रूर हुआ, क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं? लेकिन यह सिर्फ ट्रेज़री से ही पीछे रहा। यानि, इसने पोर्टफोलियो नुकसान ज़्यादा नहीं होने दिया, और मार्केट में उछाल आने के बाद निवेशकों को तरलता दिलवायी। उस सप्ताह के दौरान, उन दस दिनों में, अमेरिकी डॉलर के सामने जैसे-जैसे यूरोपीय मुद्राएँ कमज़ोर पड़ीं, सोने की कीमत यूरो से 0.9% और स्टर्लिंग से 1.8% आगे रही।
व्यवस्थित जोखिम के समय सोने का आश्रय
आश्रय के रूप में, सोना आम तौर पर उछाल और गुणवत्ता के बहाव का लाभ उठाता है। स्टॉक और सोने के बीच इस विपरीत नाते का मतलब हुआ कि मार्केट जितनी मज़बूती से वापस उछाल मारेगा, उतनी ही मज़बूती से सोने में भी उछाल आएगा। इतिहास के चलन को भी देखें तो पता चलेगा कि 5 फरवरी के सेल-ऑफ के समय स्टॉक की कीमत गिरने पर सोने को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा।
अपवाद तो फिर भी होते ही हैं। जब मार्केट में सुधार आने पर एक से ज़्यादा सेक्टर प्रभावित होते हैं, या असर लम्बे समय तक रहता है, तब सोना एक प्रभावशाली आश्रय के रूप में उभर कर आता है। 2001 में जब ‘डॉटकॉम बबल’ उभरा, तब भी कोई जोखिम इतना मज़बूत नहीं था जो सोने को प्रभावित कर सके। सिर्फ विस्तृत अमेरिकी अर्थ-व्यवस्था के तंगी में जाने पर सोने में उल्लेखनीय हलचल हुई। इसी तरह, यूरोप के बाहर के निवेशकों ने 2015 के ग्रीक डिफॉल्ट से स्पिलओवर की चिंता व्यक्त की।
निवेशकों के लिए नीति
सोना किसी भी पोर्टफोलियो में छ: मुख्य भूमिकाएँ निभाता है:
- सकारात्मक दीर्घ-कालिक प्रतिफल देता है
- डाइवर्सिफिकेशन का विकल्प रहता है
- मार्केट गिरने पर तरलता देता है
- ज़्यादा जोखिम-समायोजित प्रतिफल के जरिये पोर्टफोलियो प्रदर्शन को बेहतर बनाता है
- अधिकतर समय में रियल एस्टेट के मूल्य भी सोने से कम ही रहते हैं
मार्केट बेहद अस्थिर होने पर कुछ भी हो सकता है। लेकिन स्टॉक पोर्टफोलियो के अलावा, सोने की बहुमुखी भूमिकाओं के कारण, बेहतर होगा यदि आप अपने पोर्टफोलियो में पर्याप्त मात्रामें सोना रखें।
Share Market Close: यूक्रेन में बना जंग का माहौल तो करीब 400 अंक गिरा Sensex
यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के बीच जंग की स्थिति बनी हुई है. इन्वेस्टर्स को इस जंग के खतरे से डर लग रहा है और वे सुरक्षित निवेश की ओर भाग रहे हैं. इस कारण इन्वेस्टर्स शेयर बाजारों से लगातार पैसे निकाल रहे हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 22 फरवरी 2022,
- (अपडेटेड 22 फरवरी 2022, 3:56 PM IST)
- यूक्रेन संकट से दुनिया भर के बाजार हलकान
- जमकर बिकवाली कर रहे हैं इन्वेस्टर्स
Stock Market Crash: यूक्रेन को लेकर जारी संकट (Ukraine Crisis) से बाजार को फिलहाल राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. जंग की बनी स्थिति के चलते मंगलवार को लगातार पांचवें दिन बाजार (Share Market) घाटे में रहा. आज जैसे ही कारोबार शुरू हुआ, सेंसेक्स (BSE Sensex) एक झटके में 1000 अंक गिर गया. बाद में बाजार ने कुछ रिकवरी की, लेकिन नुकसान की भरपाई नहीं हो पाई और सेंसेक्स करीब 400 अंक के नुकसान में रहा.
17 हजार अंक से भी नीचे आया निफ्टी
बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) दोनों प्री-ओपन सेशन से ही बड़ी गिरावट का इशारा कर रहे थे. प्री-ओपन सेशन में सेंसेक्स 1,200 अंक से ज्यादा गिरा हुआ था. हालांकि जब सेशन ओपन हुआ तो गिरावट कुछ कम हुई और यह 999 अंक टूटकर खुला. अगले कुछ मिनटों के कारोबार में भारी उथल-पुथल का इशारा मिल रहा था. एक समय इसने करीब 150 अंक की रिकवरी कर ली, लेकिन सुबह के 09:20 बजे तक फिर से सेंसेक्स करीब 990 अंक गिर चुका था और 56,700 अंक से नीचे ट्रेड कर रहा था. इसी तरह निफ्टी 300 अंक से ज्यादा टूटकर 17 हजार अंक से भी नीच आ चुका था.
आज शेयर बाजार पूरे दिन नुकसान में ही रहा. बाद में कुछ बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों ने बाजार को रिकवर करने में मदद की. अंतत: सेंसेक्स 382.91 अंक (0.66 फीसदी) गिरकर 57,300.68 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह एनएसई निफ्टी 114.45 अंक (0.67 फीसदी) के नुकसान के साथ 17,092.20 अंक पर बंद हुआ. आज बाजार में लगातार पांचवें दिन गिरावट रही.
पिछले सप्ताह 4 दिन बाजार को हुआ नुकसान
इससे पहले सोमवार को लगातार चौथे दिन घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई. पिछले सप्ताह 5 में से 4 दिन घाटे में रहे बाजार ने इस सप्ताह की शुरुआत भी नुकसान के साथ की. सोमवार का कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 149.38 अंक (0.26 फीसदी) गिरकर 57,683.59 अंक पर रहा. निफ्टी 69.65 अंक (0.40 फीसदी) के घाटे के साथ 17,206.65 अंक पर बंद हुआ. इससे पहले शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 59.04 अंक (0.10 फीसदी) गिरकर 57,832.97 अंक पर और एनएसई निफ्टी 28.30 अंक (0.16 फीसदी) के नुकसान के साथ 17,276.30 अंक पर बंद हुआ था. पिछले सप्ताह बाजार काफी वोलेटाइल रहा था. जानकारों को आगे भी उथल-पुथल बने रहने की आशंका है.
रूस के इस ऐलान ने बिगाड़ी हालत
पहले खबरें आ रही थीं कि यूक्रेन संकट का हल निकालने के लिए अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बाइडेन (US President Joe Biden) और रूस के प्रेसीडेंट व्लादिमिर पुतिन (Russia President Vladimir Putin) मुलाकात करने वाले हैं. इससे बाजार को राहत मिली ही थी कि बैठक टलने की खबरें आने लगीं. इसके बाद मंगलवार को अहले सुबह रूस ने यूक्रेन के दो बागी इलाकों दोनेत्सक (Donetsk) और लुगान्सक (Lugansk) को स्वतंत्र मानने का ऐलान कर दिया. रूस के इस ऐलान से जंग का खतरा फिर क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं? चरम पर पहुंच गया.
Share Market Close: करीब 15 सौ अंकों के दायरे में घूमने के बाद फायदे में रहा बाजार
रूस ने अपने परमाणु हथियारों को हाई अलर्ट पर डाल दिया है. इससे पहली बार न्यूक्लियर वार का खतरा मंडराने लगा है. इन्वेस्टर्स इसके चलते निवेश के सुरक्षित माध्यम तलाश रहे हैं. पिछले 2 सप्ताह से बाजार पर प्रेशर बना हुआ है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 28 फरवरी 2022,
- (अपडेटेड 28 फरवरी 2022, 3:44 PM IST)
- न्यूक्लियर वार की डर से सुबह गिरा था बाजार
- करीब 1000 अंक तक की गिरावट के बाद सुधरा
Stock Market Update: रूस और यूक्रेन की जारी लड़ाई के बीच अब न्यूक्लियर वार का खतरा मंडराने लगा है. इस खतरे के चलते घरेलू शेयर बाजार ने इस सप्ताह की शुरुआत भारी उथल-पुथल के साथ की. सोमवार को जैसे ही कारोबार की शुरुआत हुई, सेंसेक्स 750 अंक से ज्यादा गिर गया. हालांकि बाद में दिन के कारोबार के दौरान बाजार ने जबरदस्त वापसी की. पूरे दिन के कारोबार में सेंसेक्स में करीब 15 सौ अंक के दायरे में उतार-चढ़ाव देखा गया.
बाजार प्री-ओपन सेशन से ही प्रेशर में था. प्री-ओपन में सेंसेक्स 550 अंक से ज्यादा के नुकसान में था. इसके बाद जैसे ही कारोबार की शुरुआत हुई, बीएसई सेंसेक्स करीब 760 अंक टूट गया. कुछ मिनटों के कारोबार में बाजार ने हल्की-फुल्की रिकवरी तो की, लेकिन अभी भी बड़े नुकसान में है. सुबह के 09:20 बजे सेंसेक्स करीब 650 अंक गिरकर 55,200 अंक के आस-पास कारोबार कर रहा था. इसी तरह एनएसई निफ्टी 200 अंक से ज्यादा के नुकसान के साथ 16,450 अंक के आस-पास ट्रेड कर रहा था.
दिन के क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं? कारोबार में बाजार वापसी करने में सफल रहा. दोपहर 12:30 बजे तक बाजार ग्रीन हो चुका था और सेंसेक्स करीब 100 अंक चढ़ चुका था. हालांकि कुछ ही देर तक बाजार बढ़त को बरकरार रख पाया. दोपहर 12:55 बजे सेंसेक्स वापस रेड हो चुका था. आज के कारोबार में भारी उथल-पुथल रही. इस दौरान बाजार एक समय 56,324.50 अंक के हाई तक पहुंचा तो 54,833.50 अंक के लो तक गिरा भी.
कारोबार समाप्त होने के बाद बीएसई सेंसेक्स 388.76 अंक (0.70 फीसदी) की बढ़त के साथ 56,247.28 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह एनएसई निफ्टी 135.50 अंक (0.81 फीसदी) मजबूत होकर 16,793.90 अंक पर रहा. यह बाजार की लगातार दूसरे दिन की तेजी है. इससे पहले घरेलू शेयर बाजार लगातार सात दिन गिरावट में रहा था.
पिछले सप्ताह यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस के ऊपर कई कड़े प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं. इसके बाद रूस ने रविवार को न्यूक्लियर हथियारों को हाई अलर्ट पर डाल दिया. निवेशकों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं दुनिया न्यूक्लियर वार की चपेट में तो नहीं आने वाली. इसके चलते इन्वेस्टर्स सुरक्षित माध्यमों को तरजीह दे रहे हैं. सोमवार को रूस की करेंसी रूबल भी 30 फीसदी टूटकर रिकॉर्ड लो पर आ गई.
इससे पहले शुक्रवार को लगातार 7 दिन की गिरावट के बाद बाजार वापसी करने में कामयाब रहा था. शुक्रवार को जब कारोबार समाप्त हुआ तो बीएसई सेंसेक्स 1,328.61 अंक (2.44 फीसदी) की शानदार बढ़त के साथ 55,858.52 अंक पर बंद हुआ था. एनएसई निफ्टी 421.70 अंक (2.60 फीसदी) की जबरदस्त छलांग के साथ 16,669.65 अंक पर रहा था. यूक्रेन-रूस तनाव के चलते बाजार में 2 सप्ताह से उथल-पुथल का माहौल बना हुआ है.
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