डिजिटल युग में डेटा को बताया सबसे महत्वपूर्ण
Cryptocurrency Ban: क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाना चाहता है RBI, वित्त मंत्री ने संसद को बताया
क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को भारत में मान्यता मिलने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को RBI की ओर से जोर का झटका लगा है. खुद वित्त मंत्री ने बताया है कि RBI देश में क्रिप्टो पर पूरी तरह बैन लगाने के पक्ष में है.
क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को भारत में मान्यता मिलने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को RBI की ओर से जोर का झटका लगा है. लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बताया है कि देश का केन्द्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन लगाने के पक्ष में है. बकौल वित्त मंत्री RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी से देश के मॉनिटरी और वित्तीय स्थिरता को खतरा है.
दरअसल वित्त मंत्री से पूछा गया था कि क्या सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर बंदिश लगाने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रही है? दूसरा सवाल ये था कि क्या आरबीआई (RBI) ने देश में क्रिप्टोकरेंसी को चलन पर नियत्रंण लगाने के लिए सरकार को कानून बनाने की सिफारिश की है? इसी के जवाब में उन्होंने कहा कि आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी नहीं मानता क्योंकि किसी भी करेंसी को जारी करने का अधिकार देश के सेंट्रल बैंक या सरकार को है जबकि क्रिप्टोकरेंसी का वैल्यू पूरी तरह अटकलों पर निर्भर है.
Bitcoin पर बोले पीएम मोदी- 'Cryptocurrency गलत हाथों में न जाए, क्योंकि हमारे युवाओं को नुकसान उठाना पड़ सकता है'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने डेटा को डिजिटल युग में सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए गुरुवार को कहा कि भारत ने इसकी सुरक्षा एवं निजता की रक्षा के लिए मजबूत ढांचा विकसित किया है और वह इसका इस्तेमाल लोगों के सशक्तीकरण के स्रोत के रूप में करता है।
साथ ही पीएम मोदी ने बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए दुनिया के सभी देशों से क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर मिलकर काम करने का आग्रह किया और यह सुनिश्चित किया कि यह गलत हाथों में न जाए क्योंकि यह हमारे युवाओं को खराब कर सकता है।
डिजिटल युग ने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को पुनर्भाषित किया
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पीएम मोदी मोदी ने ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित सिडनी डायलॉग को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल युग ने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को पुनर्भाषित किया है और यह सार्वभौमिकता, शासन, नीति, कानूनों, अधिकारों और सुरक्षा को लेकर नए सवाल भी खड़े कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा, ताकत और नेतृत्व को भी पुनर्भाषित कर रहा है। इसने प्रगति और समृद्धि के नए अवसरों को भी पैदा किया है।
क्रिप्टोकरेंसी पर दुनिया से की ये अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतंत्र इस पर मिलकर काम करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए क्योंकि ऐसा होने पर हमारे युवाओं को नुकसान उठाना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को क्षेत्र एवं दुनिया के लिए एक कल्याणकारी ताकत बताया।
क्रिप्टोकरेंसी टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का ना बने हथियार, PM मोदी की अध्यक्षता में बनी रणनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को एक अहम मीटिंग हुई। इस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी और इससे जुड़े मसलों पर गंभीर चर्चा की गई। सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि युवाओं से झूठे वादे कर क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति और पैसों का लालच देकर उन्हें बरगलाने की किसी भी कोशिश को नाकाम करने को लेकर इस मीटिंग में चर्चा की गई। बैठक में यह तय किया गया कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार विशेषज्ञों और स्टेक होल्डर्स के साथ लगातार चर्चा करती रहेगी।
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क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।
महब कुरैशी. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि, इसमें शेयर बाजार के विपरीत तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। ऐसे में बहुत से लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके बड़ा लाभ कमाया है। वहीं जिन लोगों ने अभी तक इसमें कभी निवेश नहीं किया है। अब वह भी बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं। आपको बता दें क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुए अभी केवल 10 साल ही पूरे हुए है। लेकिन इसके बावजूद इसमें लोगों की रूचि दिन दूनी रात चौगनी बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति सोच रहे हैं। तो आपको इस खबर को पूरा पढ़ना चाहिए। क्योंकि इसके बिना आपको तकड़ा नुकसान हो सकता है।
सिंगापुर में सामने आया ‘पिग बूचरिंग’ घोटाला
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंगापुर में अभी हाल ही में ‘पिग बूचरिंग’ क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति घोटाला सामने आया है. इसमें चीनी शब्द ‘शा झू पान’ का इस्तेमाल किया गया है जिसका अर्थ वध करने से पहले एक सुअर को मोटा करने से है. इसे अपराधियों ने खुद अपने घोटाले का वर्णन करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति गढ़ा था. जालसाज फर्जी निवेश योजनाओं में निवेश करने का आग्रह करने से पहले लक्ष्य यानी निवेशकों के साथ नजदीकी बनाने में महीनों लगाते हैं.
सिंगापुर दैनिक ने समाचार रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि साल 2016 में चीन में इस तरह के घोटाले शुरू हुए. उस समय घोटालेबाजों ने पीड़ितों को नकली जुए की वेबसाइटों पर दांव लगाने के लिए तैयार किया. चीनी सरकार ने 2018 में अवैध सट्टेबाजी पर नकेल कसी लेकिन जालसाजों ने फिर दक्षिण-पूर्व एशिया में चीनी भाषी प्रवासियों को निशाना बनाया. जैसे-जैसे यूरोप और अमेरिका में जनसांख्यिकी का विस्तार हुआ, क्रिप्टोकरेंसी निवेश की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ घोटाले की रणनीति विकसित हुई.
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