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किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है.

शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद

commodity trading

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 06, 2021, फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? 09:25 IST

मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.

आइए जानते हैं फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?

What is Option and Future Trading in Hindi

दुनिया भर के शेयर बाजारों में वस्तुओं की फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजह से शेयर बाजार फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। चाहे वह कोई स्टॉक हो, कृषि से संबंधित उत्पाद हो, पेट्रोल की कीमतों में उछाल आना फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? और गिरावट होना आदि ये सब एक आम बात मानी जाती है। कीमत अस्थिरता के फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? वजह से मांग और आपूर्ति में असंतुलन की स्थिति, जंग, राजनीतिक घटनाक्रम जैसी चीजें शामिल होती है। कीमतों में अस्थिरता के कारण सबसे फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? बड़ी समस्या निवेशकों के सामने होती है। ऐसे में फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के माध्यम से बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम किया जा सकता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? (What is Future Trading in Hindi?)

फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading) एक पहले से निर्धारित समय पर एक निश्चित मूल्य पर किसी भी परिसंपत्ति (Assets ) को खरीदने या बेचने के लिए अनुबंध करना होता है। यदि कोई फ्यूचर कांट्रैक्ट खरीदता है तो इसका मतलब है कि वह किसी निश्चित समय पर उस वस्तु की कीमत पर भुगतान करने का वादा कर रहा है। यदि आप फ्यूचर कांट्रैक्ट को बेचते हैं तो खरीदार को किसी विशेष समय पर एक निश्चित कीमत पर परिसंपत्ति का हस्तांतरण करने का वादा करते हैं।

उदाहरण के लिए मान लीजिए आप X कंपनी के 100 शेयर को ₹100 प्रति शेयर की कीमत से फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट (future contract) के लिए एक निश्चित तिथि निर्धारित करते हैं। कुछ समय बाद आपको पता चलता है कि फ्यूचर कांट्रैक्ट खत्म होने से पहले कंपनी X के शेयर के भाव ₹110 तक बढ़ गए हैं। लेकिन आपके लिए शेयर का भाव अब भी ₹100 प्रति शेयर रहेगा। फलस्वरुप आपको शेयर पर कुल ₹1000 का मुनाफा होगा। हालांकि शेयर के भाव गिर भी सकते हैं। यदि शेयर के भाव गिरकर ₹90 प्रति शेयर हो जाते हैं तो आपको 100 फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? शेयर पर ₹1000 का नुकसान झेलना पड़ेगा। अतः हम कह सकते हैं कि फ्यूचर कांट्रैक्ट से एक क्रेता तभी मुनाफा कमा पाता है जब उसे इस बात की संभावना नजर आएगी शेयर के भाव बढ़ने वाले हैं। शेयर की कीमत नीचे जाने पर विक्रेता को फायदा होता है।

शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद

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  • Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST

मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.

दिवालिया कंपनी को खरीदने का इंतजार बढ़ा, खरीदारों की लिस्ट में अडानी-अंबानी भी, शेयरों की ट्रेडिंग बंद

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फ्यूचर रिटेल (Future Retail) में एनसॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन की डेडलाइन संभवत एक महीने के लिए 15 जनवरी तक बढ़ा दी जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि कर्ज में डूबी कंपनी को खरीदने के लिए कई इच्छुक खरीदारों ने लेनदारों की समिति (COC) से स्पष्टता की मांग की है। इसके साथ ही कुछ समय भी मांगा है। यह बात इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट में कही गई है।

लगातार बढ़ाई जा रही डेडलाइन
आपको बता दें कि एनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन के लिए अंतिम बोलियां जमा करने की डेडलाइन 15 दिसंबर थी। अदालत द्वारा नियुक्त रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने 20 नवंबर को फ्यूचर रिटेल के लिए संभावित बोलीदाताओं के रूप में 13 संस्थाओं का चयन किया था। बता दें कि ये सभी संस्थाएं कंपनी के प्रति अपनी दिलचस्पी दिखाई थी और शुरुआती बोली (ईओआई) जमा की थी।

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