तेल से अधिक: रिफाइनरियां कम गैसोलीन, डीजल की कीमतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं
गैसोलीन संयुक्त राज्य अमेरिका में पूरे देश में पिछले पांच सप्ताह से कीमतों में गिरावट आ रही है। वास्तव में, पेट्रोल की औसत कीमत अब एक साल पहले की तुलना में कम है। तेल की गिरती कीमतों ने निश्चित रूप से गैसोलीन की कीमतों में गिरावट में योगदान दिया, लेकिन तेल की कीमत एकमात्र कारक नहीं है जो ड्राइवरों के लिए कीमतों को कम कर रही है।
नीचे एक नज़र है कि कैसे रिफाइनरियां और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार गैसोलीन और डीजल ईंधन की कीमत को प्रभावित कर रहे हैं, एक साक्षात्कार के आधार पर मेरे पॉडकास्ट कोहोस्ट और मैंने इस सप्ताह गैस बडी में पेट्रोलियम विश्लेषण के प्रमुख पैट्रिक डी हान के साथ किया था।
श्री डी हान ने समझाया कि रिफाइनरियों ने गैसोलीन की कीमतों में वृद्धि और उनकी वर्तमान गिरावट दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आम तौर पर, यू.एस. में रिफाइनरियां सितंबर के मध्य में रखरखाव के मौसम में प्रवेश करती हैं, गर्मियों में ड्राइविंग सीजन समाप्त होने के बाद। वे अपने उपकरणों में सुधार करने या रखरखाव करने के लिए नवंबर के मध्य तक विभिन्न बिंदुओं पर उत्पादन धीमा कर देते हैं या ऑफ़लाइन हो जाते हैं।
इस शरद ऋतु में, रखरखाव व्यापक था, लेकिन रिफाइनरी का उपयोग बेमौसम उच्च रहा है क्योंकि रिफाइनरियां ऑनलाइन वापस आ गई हैं। दूसरे शब्दों में, रिफाइनरियां उस समय लगभग पूरी क्षमता (95%) पर चल रही हैं जब वे आमतौर पर कम क्षमता पर चलती हैं। यह आंशिक रूप से बताता है कि रखरखाव के मौसम के दौरान गैसोलीन अधिक महंगा क्यों था, लेकिन अब यह कम हो गया है कि रखरखाव का मौसम समाप्त हो गया है।
डीजल के दाम भी घट रहे हैं। अक्टूबर में, डीजल की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार वृद्धि जारी क्योंकि अमेरिका में इन्वेंट्री कम थी, खासकर देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में। पूर्वोत्तर यूरोप से डीजल आयात पर निर्भर करता था, लेकिन महाद्वीप अब रूस से डीजल का आयात नहीं कर रहा है, इसलिए इसका अपना डीजल वहां रह रहा है, और उत्तरी अमेरिका को निर्यात करने के लिए बहुत कम यूरोपीय डीजल उपलब्ध है।
इसके अलावा, अमेरिकी रिफाइनरी रखरखाव का मौसम सर्दियों के लिए डीजल आविष्कारों के निर्माण के लिए यूरोप के धक्का के साथ मेल खाता था, इसलिए अक्टूबर में डीजल ईंधन के लिए बाजार विशेष रूप से तंग था। एक समय पर, अमेरिका के पास इन्वेंट्री में केवल 25 दिनों का डीजल ईंधन था, हालांकि यह स्थिति वास्तव में उतनी भयानक नहीं थी जितनी मीडिया ने दिखाई थी।
अब जबकि रिफाइनरियां फिर से ऑनलाइन हो गई हैं और बहुत अधिक दरों पर काम कर रही हैं, डीजल के भंडार बढ़ रहे हैं, और कीमतें गिर रही हैं। वास्तव में, इन्वेंट्री बढ़कर 31 दिनों के डीजल ईंधन के बराबर हो गई है।
हालांकि, सामान्य से अधिक ठंडे मौसम के पूर्वानुमान हीटिंग ऑयल पर दबाव डाल रहे हैं, जो अनिवार्य रूप से वही उत्पाद है। (हीटिंग ऑयल मूल रूप से डीजल ईंधन है जिसे लाल रंग में रंगा गया है)।
इस ठंड के मौसम की प्रत्याशा में, डीजल ईंधन की थोक कीमत बढ़ रही है। हालांकि, श्री डी हान भविष्यवाणी करते हैं कि यह रिफाइनरियों को उनकी उपयोग दरों को सामान्य से अधिक रखने के लिए उचित ठहराएगा। इसका मतलब यह है कि गैसोलीन का उत्पादन भी अधिक रहेगा क्योंकि एक बैरल तेल का केवल एक हिस्सा डिस्टिलेट के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार वृद्धि जारी लिए इस्तेमाल किया जा सकता है (डीजल और हीटिंग ऑयल दोनों डिस्टिलेट के प्रकार हैं)। बाकी का उपयोग अन्य ईंधन और उत्पादों, जैसे गैसोलीन के लिए किया जाना चाहिए। यदि रिफाइनरियां डीजल की उच्च दरों का उत्पादन जारी रखती हैं, तो गैसोलीन की कीमतों में गिरावट जारी रहनी चाहिए क्योंकि गैसोलीन की आपूर्ति बढ़ रही है।
वर्ष के इस समय के लिए रिफाइनरी उपयोग की दर सामान्य से अधिक होने का एक कारण यह है कि अमेरिका में पहले की तुलना में कम पेट्रोलियम रिफाइनरियां हैं।
फिलाडेल्फिया एनर्जी सॉल्यूशंस रिफाइनरी की अनुपस्थिति, जो 2019 में आग लगने के बाद बंद हो गई, ने पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका में गैसोलीन और डीजल के लिए तंग बाजारों में योगदान दिया है। यह क्षेत्र बाद में यूरोप और रूस से आयात पर निर्भर था, जो अब अनिवार्य रूप से उपलब्ध नहीं हैं। अन्य रिफाइनरियां जैव ईंधन का उत्पादन करने के लिए स्विच कर रही हैं क्योंकि ऐसा करने के लिए महत्वपूर्ण सरकारी प्रोत्साहन हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार वृद्धि जारी हालांकि, सरकार द्वारा बनाए गए प्रोत्साहन के बावजूद बाजार अभी भी पेट्रोलियम उत्पादों की मांग करता है, जिसका अर्थ है कि शेष पेट्रोलियम रिफाइनरियों को मांग को बनाए रखने के लिए उच्च क्षमता पर चलना चाहिए।
रिफाइनरियों के लिए अच्छी खबर यह है कि कई वर्षों के पैसे खोने या बमुश्किल लाभ कमाने के बाद, पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन करना आखिरकार आकर्षक है।
प्रकटीकरण: लेखक इस लेख में उल्लिखित किसी भी प्रतिभूति का स्वामी नहीं है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, 476.122 अरब डॉलर हुआ आंकड़ा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 476.122 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.
In January, the RBI had bought USD 11.486 billion of the US currency and sold USD 1.22 billion in the spot market.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 फरवरी को खत्म हफ्ते में 2.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 476.122 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. इस तेजी की वजह स्वर्ण भंडार मूल्य में होने वाली वृद्धि है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के ताजा आंकड़ों में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई.
स्वर्ण भंडार में भी बढ़ोतरी
इससे पिछले हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर बढ़कर 476.092 अरब डॉलर हो गया था. समीक्षाधीन हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 49 करोड़ डॉलर घटकर 441.458 अरब डॉलर रह गईं. इस दौरान स्वर्ण भंडार के मूल्य में लगातार दूसरे हफ्ते तेजी आई और आरक्षित स्वर्ण भंडार मूल्य 53.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 29.662 अरब डॉलर हो गया.
आलोच्य हफ्ते के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष आहरण अधिकार 40 लाख डॉलर घटकर 1.426 अरब डॉलर रह गया, जबकि आईएमएफ में देश की आरक्षित निधि भी 1.5 करोड़ डॉलर घटकर 3.575 अरब डॉलर रह गई.
New Year Party: इस साल नए साल की रहेगी धूम, 2 साल बाद क्रिसमस-न्यू ईयर पर होटल और रिसॉर्ट पूरी तरह ‘Housefull’
Himachal Pradesh Election Result Live: हिमाचल प्रदेश में 40 सीटों के साथ कांग्रेस को बहुमत, बीजेपी के खाते में आई 25 सीटें
विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार वृद्धि जारी
नई दिल्ली, 3 जून (हि.स.)। रूस-यूक्रेन जंग के बीच विदेशी मुद्रा (foreign currency) भंडार में लगातार दूसरे सप्ताह इजाफा हुआ है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 मई को समाप्त हफ्ते में 3.854 अरब डॉलर बढ़कर 601.363 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी है।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 27 मई, 2022 को समाप्त हफ्ते में 3.854 अरब डॉलर ($3.854 billion) बढ़कर 601.363 अरब डॉलर (601.363 billion dollars) र पहुंच गया। इससे पिछले हफ्ते 20 मई को विदेशी मुद्रा भंडार 4.230 अरब डॉलर बढ़कर 597.509 अरब डॉलर हो गया था। आरबीआई के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में यह वृद्धि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में हुई बढ़ोतरी के कारण हुई है।
रिजर्व बैंक के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी की वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों में वृद्धि है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक अहम घटक होता है। इस दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) भी 3.61 अरब डॉलर बढ़कर 536.988 अरब डॉलर हो गई। वहीं, आलोच्य हफ्ते में स्वर्ण भंडार का मूल्य 9.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.917 अरब डॉलर हो गया। इसके अलावा समीक्षाधीन हफ्ते में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 13.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.438 अरब डॉलर हो गया, जबकि आईएमएफ में रखे भारत का मुद्रा भंडार 1.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.019 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
वैश्विक मुश्किलों के बावजूद आर्थिक मोर्चे पर मजबूती से बढ़ रहा भारत
भारत और रूस के बीच कच्चे तेल की आपूर्ति को लेकर हाल ही में एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है, जिसके अनुसार सस्ती दर पर रूस भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति डॉलर की जगह रूपये में करेगा। यह समझौता भारत की शर्तों पर हुआ है, जिसके तहत रूस भारतीय सीमा के तट तक कच्चे तेल की आपूर्ति करना सुनिश्चित करेगा। यह शर्त मौजूदा प्रतिबंधों की जटिलता से बचने के लिए रखी गई है।
इस समझौते का सीधा फायदा भारतीय उपभोक्ताओं को मिलने की संभावना है। मौजूदा परिदृश्य में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों को लेकर दुनिया के देशों पर आर्थिक दबाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में इस समझौता से भारत को अनेक मोर्चों पर लाभ मिल सकता है।
यूक्रेन पर रूस द्वारा हमला करने के कारण कच्चा तेल वर्ष 2014 के बाद पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर चुका है। इतना ही नहीं, यह 140 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा भी छू चुका है। वैसे, अब यह थोडा नरम होकर 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था को थोड़ी राहत मिली है।
ऊंची मुद्रास्फीति और वित्तीय अस्थिरता के जोखिम से वैश्विक वृद्धि का परिदृश्य भी चिंताजनक बना हुआ है। संकट का जल्द समाधान नहीं हुआ तो वैश्विक सुधार पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। वर्तमान हालात में वैश्विक रेटिंग एजेंसियाँ आगामी सालों के लिए वैश्विक वृद्धि के अनुमान में कमी कर सकती है।
वैसे, मौजूदा मुश्किलों के बावजूद भारत घरेलू मोर्चे पर निरंतर प्रगति कर रहा है। भारत की वृहद परिप्रेक्ष्य में आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है। उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों का कारोबारी माहौल के प्रति विश्वास बढ़ रहा है तथा मांग में भी सुधार हो रहा है।
कृषि क्षेत्र के शानदार प्रदर्शन और औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्र विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार वृद्धि जारी में बेहतर प्रदर्शन की निरंतरता से सुधार को बल मिल रहा है। इतना ही नहीं, कृषि मंत्रालय के अनुसार इस साल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.61 करोड़ टन रह सकता है।
उधारी चक्र में भी सुधार हो रहा है। नवंबर 2021 से जनवरी 2022 में उधारी मांग 65,298 करोड़ रुपये रहा, जो अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 61,983 करोड़ रहा था। उधारी मांग बढऩे से कुछ बैंकों ने साविध जमा दरों में इजाफा भी किया है। उधारी मांग बढ़ने का यह अर्थ है कि मांग और आपूर्ति दोनों में इजाफा हो रहा है।
वित्त वर्ष 2021-22 के बजट के संशोधित अनुमान से प्रत्यक्ष कर संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हुआ है, जिससे सरकार को ज्यादा व्यय के लिए तीसरी अनुपूरक मांग वहन करने में मदद मिलेगी। कर संग्रह में वृद्धि आर्थिक सुधार और बेहतर कर प्रशासन का परिचायक है। विनिवेश की कम प्राप्ति और रूस और यूक्रेन संकट को देखते हुए अधिक राजस्व संग्रह से सरकार को राहत मिल सकती है।
चालू वित्त वर्ष में 16 मार्च तक रिफंड भुगतान के बाद सरकार को करीब 13.60 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर प्राप्त हुआ है, जबकि संशोधित अनुमान 12.50 लाख करोड़ रुपये का था। इस दौरान करदाताओं को 1.87 लाख करोड़ रुपये रिफंड किए गए हैं।
प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 48.41 प्रतिशत बढ़कर 9.18 लाख करोड़ रुपये रहा। कोरोना महामारी से पहले वित्त वर्ष 2019-20 में 9.56 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ था, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 10.09 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर मद में प्राप्त हुए थे।
कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में से 6.63 लाख करोड़ रुपये अग्रिम कर के रूप में प्राप्त हुए, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 40.75 प्रतिशत अधिक है। कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में निगमित कर मद में 7.19 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर के रूप में 6.04 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
इसका यह अर्थ हुआ कि सरकार को वित्त वर्ष 2021-22 के संशोधित अनुमान 6.35 लाख करोड़ रुपये से निगमित कर में करीब 84,000 करोड़ रुपये का ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह व्यक्तिगत आयकर मद में सरकार को संशोधित अनुमान की तुलना में 25,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई।
व्यक्तिगत आयकर का ज्यादातर हिस्सा मार्च के अंतिम दिनों में प्राप्त होता है। ऐसे में प्रत्यक्ष कर संग्रह में अभी और इजाफा हो सकता है। इससे सरकार को विनिवेश मद में कम प्राप्तियों और खर्च में बढ़ोतरी के बावजूद राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 6.9 प्रतिशत पर रखने में मदद मिलेगी।
चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के मुताबिक विनिवेश से 78,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वास्तविक प्राप्तियां 12,424 करोड़ विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार वृद्धि जारी रुपये रही। इसके अलावा सरकार को उर्वरक सब्सिडी बिल और अन्य मदों में संशोधित अनुमान से करीब 1 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़े हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने रूस और यूक्रेन के बीच में चल रहे युद्ध की वजह से रूपये की कीमत में आ रही गिरावट को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर डॉलर की बिक्री की है। रुपया की कीमत गिरकर 7 मार्च को 77.02 रुपए पहुँच गई थी, जिसमें केंद्रीय बैंक और केंद्रीय सरकार द्वारा उठाये गए क़दमों से नरमी आई।
वहीं, रुपया जब डॉलर की तुलना में मजबूत था, तब केंद्रीय बैंक ने डॉलर की ज्यादा खरीददारी की थी। इसी वजह से पिछले साल विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। किसी भी देश की मुद्रा की मजबूती को बरक़रार रखने के लिए देशी मुद्रा को बेचा जाता है, ताकि विविध उत्पादों की आपूर्ति हेतु समुचित आयात किया जा सके।
विदेशी मुद्रा भंडार 20 मार्च को समाप्त होने वाले सप्ताह में 11.10 अरब डॉलर कम होकर 554.35 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने का मुख्य कारण कच्चे तेल और रूस व यूक्रेन से आयात किये जाने वाले उत्पादों में बढ़ोतरी होना है।
विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट पिछले दो सालों की सबसे बड़ी रही। इसने 3 सितंबर 2021 को 642,45 अरब डॉलर के स्तर को छुआ था, जो अब तक का उच्चतम स्तर था। हालांकि, मौजूदा परिदृश्य में सोने की कीमत 1.5 अरब डॉलर बढ़कर 43.83 अरब डॉलर हो गई है।
अब जब भारत ने कच्चा तेल सस्ती दर पर खरीदने के लिए रूस से समझौता किया है, तो इससे महंगाई दर में कमी आने की संभावना है। कच्चे तेल और अन्य उत्पादों की ऊँची कीमत की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी आई है।
हालाँकि, राजस्व संग्रह और उधारी मांग में तेजी आना अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर है। कृषि क्षेत्र, औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन की निरंतरता से भी सुधार को बल मिल रहा है और अर्थव्यवस्था में मजबूती बने रहने की संभावना लगातार बरक़रार है।
(लेखक भारतीय स्टेट बैंक के कॉरपोरेट केंद्र मुंबई के आर्थिक अनुसंधान विभाग में कार्यरत हैं। आर्थिक मामलों के जानकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)
12 December 2022 News Headlines for School Assembly in Hindi – स्कूल असेंबली के लिए हिंदी में समाचार – आज की टॉप हेडलाइंस
12 December News Headlines for School Assembly in Hindi – current news for school assembly – आजकल स्कूलों में असेंबली के दौरान प्रेयर के बाद दिन – भर की टॉप हेडलाइंस पढ़ी जाती हैं जिससे सभी छात्रों को ये पता चले कि आज देश – दुनिया में क्या कुछ होने वाला है। तो चलिए यहां पढ़िए आज की ताज़ा खबर। भारत की राजनीतिक हलचलों के साथ पढ़ें देश-विदेश के ताज़ा समाचार
Second Hand Bike for Sale and Purchase From BeepKart in Bangalore – Buy & Sell Now
12 December News Headlines for school assembly in Hindi
- गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद आज नई सरकार का गठन होने जा रहा है। भूपेंद्र पटेल लगातार दूसरी बार राज्य के सीएम पद की शपथ लेंगे।
- भूपेंद्र पटेल के साथ 20 कैबिनेट मंत्री भी अपने पद की शपथ ले सकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा भाजपा के कई नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं।
- शपथ ग्रहण समारोह के लिए सचिवालय के हेलीपैड मैदान में तीन विशाल गुंबद बनाए गए हैं। समारोह में दो हजार और कार्यकर्ता व साधु-संत व महंत समेत अन्य लोग शामिल हो सकते हैं।
- भूपेंद्र पटेल ने कहा कि भाजपा द्वारा संकल्प पत्र में शामिल सभी मुद्दों को प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर जो भरोसा जताया है, उसे हम टूटने नहीं देंगे।
- लोकसभा में मैनपुरी से नवनिर्वाचित सांसद डिंपल यादव ने संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। बता दें कि डिंपल यादव ने हाल ही में मैनपुरी में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की है।
- लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बयान दिया। उन्होंने कहा दुख की बात है कि संसद में कुछ लोग देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था से जलते हैं। भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, लेकिन विपक्ष को इससे दिक्कत है। भारत के विकास पर सभी को गर्व होना चाहिए लेकिन कुछ लोग इसे मजाक के रूप में लेते हैं।
12 December News Headlines for school assembly in hindi
- राज्यसभा सदस्य पीटी उषा को भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बधाई दी।
International news headlines for school assembly – 5 news headlines for school assembly – 12 December 2022
- भारत के नई दिल्ली में सितंबर 2023 में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रबल संभावनाएं हैं। यह बात रूस की जी20 शेरपा, स्वेतलाना लुकाश ने समाचार एजेंसी तास को बताया है। दरअसल, G20 देशों की अध्यक्षता अब भारत कर रहा है।
- चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद सेना को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीनी राष्ट्रपति ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को युद्ध की तैयारियों पर अपनी ऊर्जा केंद्रित करने और जीतने की अपनी क्षमता को मजबूत करने की बात कहीं है।
- अमेरिकी रक्षा विभाग ने यूक्रेन के लिए 275 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 22.66 अरब रुपये) के एक और सैन्य सहायता पैकेज की घोषणा की है। पैकेज में हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) के लिए अतिरिक्त गोला-बारूद,155 मिमी आर्टिलरी राउंड और कई अन्य उपकरण शामिल हैं।
Business news headlines for school assembly – 5 news headlines for school assembly – 12 December 2022
- वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत है। सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र में पिछले दशक की तरह उसी गति से निवेश जारी रखना अच्छा नहीं होगा।
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 11.02 अरब डॉलर बढ़कर 561.162 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। लगातार चौथे सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि दर्ज की गई है।
12 December News Headlines for school assembly in hindi
sports news for school assembly – hindi news headlines for shool assembly – 12 December 2022
- फीफा वर्ल्ड कप, 2022 में क़तर के अल रयान के एजुकेशन सिटी स्टेडियम में क्रोएशिया ने 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन ब्राजील
को टूर्नामेंट का पहला क्वार्टर फाइनल में पेनल्टी शूटआउट में 4-2 के अंतर से हरा दिया है। क्रोएशिया अब 14 दिसंबर को सेमीफाइनल खेलेगा।
12 December News Headlines for School Assembly in Hindi, जैसी ख़बरों के लिए हमारे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हमें फ़ॉलो करें और हमारे वीडियो के बेस्ट कलेक्शन को देखने के लिए, YouTube पर हमें फॉलो करें।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 271