लिक्विडिटी क्या है?

लिक्विडिटी/तरलता (Liquidity) क्या है? अर्थशास्त्री पैसे को परिभाषित करने के लिक्विडिटी क्या है? लिए लिक्विडिटी/तरलता का उपयोग करते हैं। लोग आसानी से थोड़े से लेनदेन की लागत के साथ परिसंपत्ति को नकदी में बदल सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप अपनी सभी संपत्तियों को लेते हैं और उन्हें तरलता के संदर्भ में सूचीबद्ध करते हैं, तो चलनिधि एक लिक्विडिटी क्या है? पैमाना बनाती है जैसा कि मुद्रा और बैंकिंग बाजार में दिखाया गया है, नकद सबसे अधिक तरल संपत्ति है क्योंकि किसी व्यक्ति के पास पहले से ही पैसा है और उसे इसे बदलने की आवश्यकता नहीं है पैसे।

इसके बाद, एक बचत खाता लगभग नकद के रूप में अच्छा है क्योंकि ग्राहक बैंक या एटीएम में पहुंच सकते हैं और अपनी जमा लिक्विडिटी क्या है? राशि को नकद लेनदेन के साथ जल्दी से नकदी में बदल सकते हैं। फिर भी, कार और घर कम से कम तरल संपत्ति हैं क्योंकि मालिकों को इन परिसंपत्तियों को नकदी में बदलने के लिए समय और उच्च लेनदेन लागत की आवश्यकता होती है।

'लिक्विडिटी रिस्क' क्या है, निवेश में क्यों इसे ध्यान रखने की जरूरत है?

इस तरह के जोखि‍म का क्‍या मतलब है?

जब अपने निवेश को आप अपनी इच्छा से जब चाहे नहीं बेच पाते हैं या इसमें दिक्कत आती है तो उस खतरे को लिक्विडिटी रिस्क कहते हैं. पैसे की जरूरत पड़ने पर कभी-कभी तो कम पैसे में आपको अपने इस निवेश को निकलना पड़ता है.

किस तरह के निवेश में लिक्विडिटी कम होती है?

किस तरह के निवेश में लिक्विडिटी कम होती है?

रियल एस्टेट या आर्ट जैसे कुछ निवेश में यह समस्या रहती है. अपनी मर्जी से जब चाहे आप इन्हें बेच नहीं सकते हैं. इस मार्केट का वॉल्यूम बहुत कम होता है. खरीदार ढूंढने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है.

क्यों लिक्विडिटी में कमी का सामना करना पड़ता है?

क्यों लिक्विडिटी में कमी का सामना करना पड़ता है?

कई कारणों से रिटेल निवेशकों के लिए कॉरपोरेट डेट मार्केट में लिक्विडिटी की कमी आती है. खरीदार बाजार से गायब हो जाते हैं. जो बॉन्ड खरीदने के इच्छुक भी होते हैं, वे इनकी कम कीमत देना चाहते हैं.

लॉक-इन अवधि के मामले में क्या हाेता है?

लॉक-इन अवधि के मामले में क्या हाेता है?

कुछ इंस्ट्रूमेंट में न्यूनतम लॉक-इन अवधि हो सकती है. यानी एक तय समय तक इनमें से पैसा नहीं निकाला जा सकता है. बैंक एफडी और म्यूचुअल फंडों की टैक्स सेविंग स्कीमें (ELSS) इन्हीं में से एक हैं.

क्या शेयर बाजार में लिक्विडिटी रिस्क हाेता है?

क्या शेयर बाजार में 'लिक्विडिटी रिस्क' हाेता है?

शेयर बाजार में काफी ज्यादा लिक्विडिटी होती है. हालांकि, कुछ कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग रफ्तार में नहीं होती है. इनके साथ भी लिक्विडिटी का जोखिम होता है.

(इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.)

Web Title : what is liquidity risk in investments what you should know
Hindi News from Economic Times, TIL Network

'फाइनेंशियल लिक्विडिटी' क्‍या है? इसके बारे में यहां जानिए 5 अहम बातें

जब आप कोई एसेट खरीदने वाले होते हैं तो फाइनेंशियल प्‍लानर अक्‍सर उसमें 'लिक्विडिटी' के पहलू पर ध्‍यान देने को कहते हैं. आखिर ये लिक्विडिटी क्‍या है? एसेट से इसका क्‍या संबंध है? यहां हम इसी के बारे में 5 महत्‍वपूर्ण चीजों के बारे में बता रहे हैं.

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हर तरह के एसेट की फाइनेंशियल लिक्विडिटी अलग-अलग होती है. बैंक फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट, सूचीबद्ध शेयर और ओपन-एंडेड म्‍यूचुअल फंड जैसे एसेट अपेक्षाकृत ज्‍यादा लिक्विड होते हैं.

2. किसी एसेट को कैश में बदलने में जितना कम वक्‍त लगता है, वह उतना ही ज्‍यादा लिक्विड होता है. बैंक फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट, सूचीबद्ध शेयर और ओपन-एंडेड म्‍यूचुअल फंड जैसे एसेट अपेक्षाकृत ज्‍यादा लिक्विड होते हैं.

3. जितनी कम लागत में किसी एसेट को कैश में बदल लिया जाए, वह उतना ज्‍यादा लिक्विड होता है. कुछ एसेट के साथ पेनाल्‍टी और एग्जिट लोड होते हैं, जो उसकी कॉस्‍ट बढ़ाते हैं.

4. किसी एसेट की तेज बिक्री में प्राइस फ्लक्‍चुएशन जितना कम लिक्विडिटी क्या है? होगा, वह उतना अधिक लिक्विड होगा. मसलन, लिक्विट शेयरों को उसके दाम में बगैर बहुत कटौती किए बेचा जा सकता है.

5. फाइनेंशियल एडवाइजर सलाह देते हैं कि इमर्जेंसी के लिए आपका पैसा लिक्विड एसेट्स में लगा होना चाहिए. यह पैसा आपके छह महीनों के खर्च के बराबर होना चाहिए.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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क्या है फाइनेंशियल लिक्विडिटी ? निवेश करने से पहले इसका पता लगाना जरूरी

दरअसल किसी एसेट को कैश में बदलने में जितना कम वक्त लगता है वह उतना ही लिक्विड होता है. बैंक एफडी, लिस्टेड कंपनियों के शेयर और ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड जैसे एसेट ज्यादा लिक्विड होते हैं.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 13 Jan 2021 लिक्विडिटी क्या है? 01:06 PM (IST)

फाइनेंशियल लिक्विडिटी का सीधा सा मतलब यह है कि बाजार की कीमतों के मुताबिक आपका मौजूदा एसेट कितनी जल्दी कैश में बदल सकता है. जब भी आप कोई ऐसे एसेट में निवेश के लिए फाइनेंशियल प्लानर की सलाह लेने जाते हैं, तो आपको एसेट की लिक्विडिटी पर ध्यान देने को कहा जाता है. अलग-अलग एसेट के हिसाब लिक्विडिटी क्या है? से लिक्विडिटी भी अलग-अलग होती है. दरअसल एसेट को कैश में बदलने की जरूरत आपको तब पड़ती है जब आपको खर्च या निवेश करने के लिए तुरंत कैश की जरूरत हो.

बैंक एफडी, म्यूचुअल फंड, शेयरों की लिक्विडिटी अधिक

दरअसल किसी एसेट को कैश में बदलने में जितना कम वक्त लगता है वह उतना ही लिक्विड होता है. बैंक एफडी, लिस्टेड कंपनियों के शेयर और ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड जैसे एसेट ज्यादा लिक्विड होते हैं. किसी एसेट जितनी कम लागत में कैश में बदला जाए उसकी लिक्विडिटी और अच्छी मानी जाती है. कुछ एसेट ऐसे होते हैं, जिसे बेचने या उसमें से निकलने पर पेनल्टी या एग्जिट फीस लगती है. इस हिसाब से यह कमजोर लिक्विडिटी वाले एसेट माने जाएंगे.

कंपनियों की लिक्विडिटी भी है अहम

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एफडी, म्यूचुअल फंड, शेयर और गोल्ड ऐसे एसेट हैं, जिनकी लिक्विडिटी अधिक है. वहीं मकान, बिल्डिंग, प्लांट, मशीनरी में लिक्विडिटी कम होती है. किसी कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ जानने के लिए कंपनी की लिक्विडिटी का पता किया जाता है. यह देखा जाता है कि कंपनी अपने शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कर्जों को चुकाने में कितनी सक्षम है. कंपनी की लिक्विडिटी कैश, रेश्यो, करंट रेश्यो और कुछ अन्य तरीकों से भी पता की जा सकती लिक्विडिटी क्या है? है.

Published at : 13 Jan 2021 01:05 PM (IST) Tags: Financial liquidity Bond Bank Fixed Deposit Mutual fund हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Financial Liquidity क्या है? क्यों होती है इसकी जरूरत

Financial Liquidity क्या है? क्यों होती है इसकी जरूरत

Financial Liquidity: लिक्विडिटी से आप क्या समझते हैं? आम जिंदगी में हम लिक्विड उन चीजों को कहते हैं जो जल्दी बह जाए तथा एक स्थान पर टिके लिक्विडिटी क्या है? ना रहे। आइए आज समझते हैं क्या होती है फाइनेंसियल लिक्विडिटी( Financial Liquidity) और उसके अलग-अलग फायदे तथा क्यों होती है हमें लिक्विडिटी की जरूरत इस इंफरमेटिव ब्लॉग के जरिए।

Financial Liquidity: क्या है फाइनेंसियल लिक्विडिटी और क्यों है इसकी जरूरत?

क्या होती है फाइनेंशली लिक्विडिटी

  • फाइनेंसियल लिक्विडिटी का अर्थ है कि हम अपने असेट्स(Assets) को कितनी जल्दी कैश में बदल लिक्विडिटी क्या है? सकते हैं।
  • असेट्स का अर्थ है वे चीजें जो हमारे उपयोग तथा जिसके ऊपर हमारा अधिकार है, इसके साथ-साथ ही असेट्स से हम पैसे भी कमा सकते हैं।
  • ऐसे में फाइनेंसियल लिक्विडिटी होती है कि हम अपने एसेट्स जाए वह चीज है जिन पर हमारा अधिकार है उनसे कितनी जल्दी हम कैसे बना सकते हैं चाहे हम उन्हें बेच ही क्यों ना दें।
  • फाइनेंसियल लिक्विडिटी मैं असेट्स को दो प्रकार में बांटा गया है, कुछ होते हैं हाईली लिक्विड असेट्स जैसे गोल्ड और शेयर। वहीं दूसरी ओर कुछ होते हैं लो लिक्विडिटी के असेट्स जैसे कार और रियल स्टेट(Real Estate)।

आखिर क्यों होती है हमें फाइनेंशियल लिक्विडिटी की जरूरत

  • इमरजेंसी में: इमरजेंसी के दौरान हमें फाइनेंशियल लिक्विडिटी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इमरजेंसी नेहा में अचानक पैसों की जरूरत होती है ऐसे में यदि हमारे पास लिक्विड असेट्स है तो हम पैसों को जल्दी ही अरेंज कर पाते हैं|
  • बड़ी खरीद में: जब भी मैं भी एक बड़ी चीज की जरूरत होती है, ऐसे समय में काम आती है फाइनेंसियल लिक्विडिटी। Financial Liquidity हमें बड़ी चीजों की खरीद के समय कैश देने में काम आती है।
  • रोजमर्रा के जीवन में: हमारे जीवन यापन में भी फाइनेंशियल लिक्विडिटी का अहम हिस्सा है। यदि हम फाइनेंशली लिक्विड होंगे तो हमने रोजमर्रा के जीवन की कैश की जरूरत कम महसूस होगी क्योंकि हमारे पास पर्याप्त कैश हमेशा रहेगा।

क्यों है फाइनेंसियल लिक्विडिटी फायदेमंद:

  • फाइनेंसियल लिक्विडिटी हमें हमारी रोजमर्रा के जीवन यापन करने में मदद करती है।
  • फाइनेंसियल लिक्विडिटी यकीन दिलाती है कि कम समय के लिए हमें कहीं से पैसे बोरो नहीं करने पड़ेंगे।
  • फाइनेंसियल लिक्विडिटी हमें चिंता मुक्त बनाती है क्योंकि हमें बार बार कैश की रिक्वायरमेंट के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं होती।

अक्सर समझा जाता है की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एक बिजनेस का कंसेप्ट है परंतु ऐसा नहीं है इन चीजों को जानकर यह पता चलता है कि इसकी रोजमर्रा की हमारे जीवन में भी समान रिक्वायरमेंट है। फाइनेंसियल लिक्विडिटी सिर्फ एक टर्म नहीं है बल्कि आज के समय की जरूरत बन चुकी है। हम सभी को इस कंसेप्ट का ध्यान रखकर अपने लिए फाइनैंशल प्लानिंग करनी चाहिए।

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