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Elon Musk News: चीन ने दिया एलन मस्क को जोर का झटका, टेस्ला के शेयरों में 69% गिरावट
हाल तक दुनिया के सबसे बड़े रईस रहे एलन मस्क (Elon Musk) को मंगलवार को तगड़ा झटका लगा। चीन से आई एक खबर से इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली उनकी कंपनी टेस्ला (Tesla) के शेयरों में शेयर का मूल्य बढ़ता या घटता क्यों है? भारी गिरावट आई। टेस्ला के शेयरों में लगातार सातवें दिन गिरावट आई है। साल 2018 के बाद यह पहला मौका है जब कंपनी के शेयरों में लगातार इतने दिनों तक गिरावट आई है। कंपनी ने चीन की फैक्ट्री में प्रॉडक्शन फिलहाल बंद कर दिया है। इससे आशंका बढ़ी है कि कंपनी की कारों की डिमांड शेयर का मूल्य बढ़ता या घटता क्यों है? घट रही है। इससे टेस्ला का शेयर 11 फीसदी की गिरावट के साथ 109.10 डॉलर पर आ गया। यह अप्रैल के बाद इस शेयर में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है। इससे मस्क की नेटवर्थ में 8.80 अरब डॉलर की गिरावट आई और यह 130 अरब डॉलर रह गई। वैसे इस साल टेस्ला के शेयरों में 69 फीसदी गिरावट आई है और मस्क की नेटवर्थ 140 अरब डॉलर घट गई है।
जब शेयर बाजार गिरता है तो कहां चला जाता है आपका पैसा, जानें इसका फंडा
बीएसई पर पिछले सात कारोबारी दिनों में कंपनियों का मूल्यांकन 17 लाख करोड़ से ज्यादा घट गया है.
शेयर बाजार में वास्तविक तौर पर कोई पैसा नहीं होता, बल्कि यह कंपनियों के मूल्यांकन के लिहाजा से तय होता है. अगर किसी क . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 27, 2022, 15:31 IST
नई दिल्ली. अक्सर हमारे सामने ऐसी खबरें आती हैं कि शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों के लाखों करोड़ डूबे. पर आपने सोचा है कि डूबकर ये पैसे किसके पास जाते हैं. क्या आपको होने वाला नुकसान किसी और के पास मुनाफे के रूप में जाता है. जवाब है नहीं, ये पैसा गायब हो जाता है. जी, सही पढ़ा आपने और यह खबर आपको बाजार के पर्दे के पीछे की शेयर का मूल्य बढ़ता या घटता क्यों है? पूरी कहानी बताएगी.
दरअसल, किसी शेयर का मूल्य उसकी कंपनी के प्रदर्शन और घाटे-मुनाफे के आकलन पर टिका होता है. अगर निवेशकों और बाजार विश्लेषकों को लगता है कि भविष्य में कोई कंपनी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, तो उसके शेयरों की खरीदारी में तेजी आ जाती है और बाजार में उसकी मांग भी बढ़ने लगती है. इसी तरह, अगर किसी कंपनी के बारे में यह अनुमान लगे कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा या कारोबार में सुस्ती आएगी तो उसके शेयरों का खेल बिगड़ जाता है और कम कीमत पर बिकवाली शुरू हो जाती है. चूंकि, बाजार डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का मूल्य घटता या बढ़ता जाता है.
अटल पेंशन योजना
भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के शेयर का मूल्य बढ़ता या घटता क्यों है? बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:
Manthan
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क्यों करना चाहिए हमें शेयर मार्केट में (निवेश) Invest ?
शेयर मार्केट कोई जुआ नहीं है , ये साधारण व्यापार है। अगर आप स्वयं से कोई कंपनी बनाकर चला नहीं सकते हैं तब आप अपनी मनपसंद कंपनी के शेयर खरीद कर उस कंपनी के शेयर होल्डर बन सकते हैं। अगर आपकी कंपनी लाभ कमाती है या शेयर का मूल्य बढ़ता या घटता क्यों है? भविष्य मेँ उस कंपनी के business काफी बढ़ने की संभावना है , तो आपके स्टॉक के मूल्य बढ़ेंगे और जब उस स्टॉक को बेचेंगे तब आप लाभ कमाएंगे , और यदि आपकी कंपनी को हानि होता है , तो आपके स्टॉक के मूल्य घट भी सकते है।
बढ़ा-चढ़ाकर किया गया मूल्यांकन
हालांकि, यह सब बाजार की अनिश्चितताओं का ही नतीजा नहीं है. इसमें योग्यता भी काफी अहमियत रखती है.
रिपोर्ट में मिराए एसेट वेंचर इन्वेस्टमेंट्स (इंडिया) के सीईओ आशीष दवे के हवाले से कहा गया है, ‘2022 के शुरू से ही हमने देखा है कि बाजार ने उन कंपनियों को अलग श्रेणी में रखना शुरू कर दिया, जो किस्मत से इस मुकाम तक पहुंच गई थीं. बाजार ने प्रक्रियागत आधार पर यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने वाली कंपनियों को अलग रखना शुरू कर दिया.’
स्टार्टअप को परामर्श देने वाले दिल्ली के एक वकील ने इसे कुछ इस तरह समझाया, ‘2021 में, बाजार में बहुत अधिक नकदी थी और डेट बॉन्ड में निवेश के बजाये निवेशकों ने अपना पैसा इक्विटी में लगाना शुरू कर दिया, यही वजह है कि स्टार्ट-अप में अधिक पैसा लगाया गया और इसी वजह से ही कई स्टार्टअप को यूनिकॉर्न का दर्जा मिल गया. अन्यथा हमारे पास इतने सारे यूनिकॉर्न होने ही नहीं चाहिए थे.’
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